सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई के भुरकुंडा में ग्राम मुंडा भरत सिंह मुंडा की अध्यक्षता में पारंपरिक रुप से वनाधिकार पत्थलगड़ी (बोर्ड गड़ी) का 9वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस मौके पर पाहन दिगेंद्र सिंह मुंडा ने अपने साथियों के साथ पत्थलगड़ी स्थल पर पूजा अर्चना की. मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने जंगल का सामूहिक रूप से संरक्षण करने का संकल्प लिया, ताकि वनोपज के जरीये जीविकापार्जन हो सके.
वनाधिकार कानून 2006 के तहत सामुदायिक वन संसाधनों का संरक्षण, प्रबंधन व पुर्नजीवित करना पत्थलगड़ी का मुख्य उद्देश्य बताया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ग्राम मुंडा भरत सिंह मुंडा ने कहा कि जल, जंगल व जमीन से ही आदिवासियों का अस्तित्व जुड़ा हुआ है. हमें हर हाल में जंगलों के साथ साथ जैव विभिधताओं को संरक्षित करना है. भरत सिंह मुंडा ने बताया कि जलवायु परिवर्तन को संतुलित बनाये रखने, जैव विविधता व विरासत में मिली सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य को लेकर ही पत्थलगड़ी किया जाता है. उन्होंने बताया कि हर वर्ष इसका वर्षगांठ मनाते है. जंगलों को संरक्षित करने के साथ-साथ मौके पर रोहित गोप, लाबूराम मुंडा, रामचंद्र मुंडा, डूबराय हेंब्रम, कैलाश मुंडारी, जामुना मुंडा, पांगु पांडेया, जगाय सोय, अमरेंद्र हेंब्रम, दुर्गा चरण हांसदा, जितेंद्र हांसदा आदि उपस्थित थे.