झॉलीवुड :- पिछला तीन माह पूर्व झारखंड के कलाकारों फिल्मकारों , तकनीशियन और फिल्म निर्माताओं ने झारखंड सरकार से नई फिल्म नीति की मांग को लेकर सड़क पर उतर कर आंदोलन किया था तदपश्चात झारखंड के कला संस्कृति खेल कूद युवा कार्य विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने झारखंड के क्षेत्रीय भाषा के फिल्मकारों कलाकारों एवं फिल्म निर्माताओं के साथ दो बैठक की और झारखंड के सभी क्षेत्रीय भाषा के फिल्मों के विकास के लिए झारखंड फिल्म नीति 2015 को निरस्त कर तीन माह के अंदर नई झारखंड फिल्म नीति 2025 बनाने की बात कहीं थी पर अब पांच माह होने को है इस पांच महीनों में भी मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू की तरफ से नई फिल्म नीति पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हो रही है जिससे झारखंड के फिल्मकार कलाकार और सभी फिल्म निर्माताओं में आक्रोश है और यदि दिसंबर माह में भी नई फिल्म नीति पर यदि राज्य सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो फिर झारखंड कलाकार आंदोलन संघर्ष समिति नई झारखंड फिल्म नीति की मांग को लेकर आगामी विधानसभा सत्र के दौरान महाआक्रोश कलाकार आंदोलन करेंगे।
झारखंड सरकार से फिल्मकारों एवं कलाकारों की मुख्य मांगें।
* झारखंड की क्षेत्रीय भाषाओं की फ़िल्मों को अनुदान दे सरकार
* झारखंड फिल्म विकास निगम (JFDCL) में नागपुरी, खोरठा, संथाली,हो , मुंडा, खड़िया,कुरुख, कुरमाली,पंचपरगनिया भाषा के जानकार कलाकारों फिल्मकारों एवं बुद्धिजीवी लोगों को सदस्य बनाया जाए
* झारखंड की क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को झारखंड के सभी सिनेमा घरों में लगना अनिवार्य किया जाए
* झारखंड में फिल्म सिटी का निर्माण करें सरकार
* फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट(FTI )की तर्ज पर झारखंड में भी फिल्म मेकिंग की पढ़ाई के लिए इंस्टीट्यूट खोला जाए
* झारखण्ड कलाकार आंदोलन
झारखण्ड के फिल्म निर्माताओं को नहीं मिल रहा अनुदान।
झारखंड के फिल्म निर्माताओं के इन फिल्मों को नहीं मिली है अनुदान जबकि इन फिल्म के निर्माताओं ने झारखंड फिल्म विकास निगम (JFDCL) में प्रोशासिंग फीस जमा किया है फिर भी विभाग लगभग रोक कर रखी है।
महुवा (नागपुरी )
फूलमनीयां (नागपुरी)
मोर गांव मोर देश ( नागपुरी)
देवा रिक्शा वाला (नागपुरी)
गंगवा (नागपुरी)
छायाँ (नागपुरी)
तोर प्यार में( नागपुरी)
बलवान (नागपुरी )
सजनी हमर (नागपुरी )
मेहंदी तोर नाम कर (नागपुरी )
दहलीज (नागपुरी )
जतरा एक प्रेम कथा (नागपुरी )
खोटा सिक्का फन
अनलिमिटेड (नागपुरी )
सेरेंग (नागपुरी )
इलाका किशोर गंज( हिंदी )
कौन हो तुम (हिंदी)
गेगस्टर दुल्हमियाँ (भोजपूरी )
सवारियां एक घात (भोजपूरी )
झारखंड फिल्म नीति -2015 के अन्तर्गत अनुपम खेर, महेश भट्ट के अलावा कई बाहरी फिल्मकारों को करोड़ों रुपया राज्य सरकार की तरफ से अनुदान दिया गया है और झारखंड के फिल्मकारों एवं फिल्म निर्माताओं को झारखंड फिल्म विकास निगम के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं उनके साथ आखिर सौतेला व्योहार किया जा रहा है।
नई फिल्म नीति नहीं बनने से होगा चार पांच करोड़ का नुकसान।
नई रिलीज होने वाली नागपुरी फिल्म शहरीया,सेरेंग, सिंदूर तोरे नाम के, लोकल हीरो, मोर हीरो बाबा, भूत गांव 13 km, लास्ट लव, के अलावा खोरठा भाषा के दो फिल्में और संथाली भाषा के तीन फिल्में है इन सभी फिल्मों की कुल लागत लगभग चार से पांच करोड़ है अगर सरकार नई फिल्म नीति बनाकर झारखंड की भाषा की फ़िल्मों झारखंड के सभी सिनेमा घरों में लगना अनिवार्य नहीं करती है तो झारखंड के फिल्म निर्माताओं के भारी नुकसान होगी सरकार को चलचित्र प्रोत्साहन नीति पर फोकस करनी चाहिए और एक बेहतर फिल्म नीति का निर्माण करना चाहिए जिससे झारखंड के क्षेत्रीय भाषा नागपुरी खोरठा संथाली हो कुरुख मुंडा खड़िया कुरमाली पंचपरगनिया भाषाओं की फ़िल्मों का विकास हो, फिल्मों के माध्यम से यहां के पर्यटन का विकास हो और अत्यधिक लोगों को रोजगार मिल सकें।
इस बैठक में काजल मुंडू,
बिनोद महली, रंजू मिंज, सूरज तिर्की, विवेक नायक, अनमोल खलखो, पुरुषोंतम कुमार, पंकज प्रजापति रोहित आर के, बिनोद जयसवाल, देवपुजन ठाकुर, चांदनी बडाईक , एंजल लकड़ा , ऋषि केश लाल , बेलाल अंसारी आदि मौजूद थे।







